नई शायरी
नई और उम्दा शेरो-शायरी का खज़ाना
Monday, August 7, 2017
घमंड शराब जैसा है
घमंड शराब जैसा है साहब,
घमंड शराब जैसा है साहब,
खुद को छोड़कर सबको पता चलता है कि इसको चढ़ गयी है।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment