नई शायरी
नई और उम्दा शेरो-शायरी का खज़ाना
Monday, August 7, 2017
गँवा बैठे
लोग रह गए इतराते अपनी चालाकियों पर...
वो समझ ही न पाये कि वो क्या गँवा बैठे हैं...!!
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