लोग जल जाते हैं मेरी मुस्कान पर क्योंकि,
मैंने कभी दर्द की नुमाइश नहीं की,
जिंदगी से जो मिला कबूल किया,
किसी चीज की फरमाइश नहीं की,
मुश्किल है समझ पाना मुझे क्योंकि,
जीने के अलग है अंदाज मेरे,
जब जहां जो मिला अपना लिया,
ना मिला उसकी ख्वाहिश नहीं की।
मैंने कभी दर्द की नुमाइश नहीं की,
जिंदगी से जो मिला कबूल किया,
किसी चीज की फरमाइश नहीं की,
मुश्किल है समझ पाना मुझे क्योंकि,
जीने के अलग है अंदाज मेरे,
जब जहां जो मिला अपना लिया,
ना मिला उसकी ख्वाहिश नहीं की।
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 09 मार्च 2019 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत खूब
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